टिहरी बांध से कुंभ के दौरान गंगा में रोजाना छोड़े जाएंगे दो हजार क्यूसेक जल








प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सपा-बसपा सरकार के समय कुंभ के दौरान गंगा में घुटनों तक जल होता था, इससे तीर्थ यात्रियों को स्नान में दिक्कत होती थीं। योगी सरकार में कुंभ के दौरान मकर संक्रांति से शिवरात्रि तक प्रयागराज में कमर से ऊपर जल रहेगा। इसके लिए उत्तराखंड के टिहरी बांध से गंगा में रोजाना 2000 क्यूसिक जल छोड़ा जाएगा।
 उन्होंने कहा कि इस बार कुंभ मेला ऐतिहासिक होगा। सरकार इसके लिए तैयारियों में जुटी हुई है। कुंभ के समय जमा होने वाले समस्त अखाड़ों के साधु-संतों के ठहरने के लिए प्रयागराज में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। 25 दिसंबर के बाद उत्तराखंड के टिहरी में बने स्वामी रामतीर्थ बांध से पहले शाही स्नान के लिए जल छोड़ने की शुरूआत हो जाएगी।



14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन कुंभ का पहला शाही स्नान है। टेहरी बांध से प्रयागराज तक अतिरिक्त जल पहुंचने में 15 दिन लगेंगे। सिंचाई मंत्री ने कहा कि कुंभ की मान्यता और हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थल के महत्व को देखते हुए सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ कर दिया है। सरकार के इस कदम की सर्वत्र सराहना हो रही है।

विलुप्त ‘सरस्वती’ पर कराएंगे शोध










सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रयागराज की दो नदियों गंगा और यमुना के दर्शन तो सर्वसुलभ हैं, लेकिन संगम की तीसरी नदी ‘सरस्वती’ विलुप्त है। यह नदी हरियाणा से निकली है। सरस्वती क्यों विलुप्त हुई, इस पर शोध कराया जाएगा। इसके लिए सिंचाई विभाग विश्वविद्यालयों के रिसर्च इंस्टीट्यूट से संपर्क कर रहा है।

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