आरम्भ हो चुकी है भूमि आवंटन प्रक्रिया : कुम्भ

कुंभनगर बसाने के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इसके लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने शुक्रवार को दिशा-निर्देश जारी किए।  इसके लिए आध्यात्मिक, सांस्कृतिक संस्थाओं की ओर से 12 नवंबर तक आवेदन किए जा सकेंगे।  15 नवंबर से भूमि आवंटन आरंभ होगा। सबसे पहले 13 अखाड़ों को भूमि आवंटित की जाएगी। इस बार अखाड़ों सहित पांच हजार से अधिक संस्थाओं को भूमि आवंटित की जाएगी। बार 3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में दिव्य कुंभ -भव्य कुंभ की परिकल्पना साकार की जाएगी।
भूमि व अन्य सुविधाओं के आवंटन के लिए मेला प्रशासन ने शुक्रवार को आवेदन की तिथि निर्धारित कर दी। भूमि आवंटन 15 नवंबर से प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए मेला प्रशासन की ओर से विस्तृत कार्यक्रम की रूपरेखा अलग से जारी की जाएगी। सबसे पहले 13 अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। आध्यात्मिक संस्थाओं में अखाड़ा, दंडीवाड़ा, आचार्यवाड़ा, शास्त्री गाटा, कबीर नगर एवं प्रयागवाल को समूहों में भूमि आवंटित होगी। अरैल से फाफामऊ के बीच कुंभ नगर 20 सेक्टर में विभाजित होगा। मेला क्षेत्र में वीआईपी टेंट सिटी के आलावा ऋषि-मुनियों के नाम पर बने पांच भव्य मंचों पर दिन-रात नृत्य, गायन, वादन और लीलाओं के मंचन की प्रस्तुतियां होंगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गंगा पर 22 पांटून पुल बनाए जा रहे हैं। रेती पर चौड़ी चकर्ड प्लेट वाली सड़कें भी बनने लगी हैं। इस बार कुंभ में अखाड़ों सहित करीब पांच हजार संस्थाओं के शिविरों को बसाने के लिए जमीन आवंटित होगी। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि भूमि आवंटन के लिए संस्थाओं के आवेदन 12 नवंबर तक ही स्वीकार किए जाएंगे। इसके बाद प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा।

कुंभ मेला में संगम की रेती पर संतों-भक्तों के शिविरों के लिए भूमि आवंटन के लिए आवेदन पत्र जमा करने को अललग-अलग काउंटर बनाए गए हैं। 

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