कुंभ नगरी शुक्रवार को एक और ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनने जा रही है। 188 देश के करीब 200 प्रतिनिधि यहां होंगे और कुंभ की भव्यता और दिव्यता को देखेंगे। साथ ही यहां से शांति का पैगाम लेकर लौटेंगे। विदेशी मेहमान दो चार्टेड प्लेन से सुबह करीब 9.30 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर उतरे। प्रदेश सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, डॉ. रीता बहुगुणा जोशी आदि एयरपोर्ट पर उनके स्वागत में उपस्थित रहे।
एयरपोर्ट से छह शटल बसों से उन्हें संस्कृति ग्राम लाया गया। यहां से अरैल घाट जाएंगे और वहां से क्रूज से वीआईपी जेटी आएंगे। प्रतिनिधि मंडल अक्षयवट का दर्शन करेगा। इसके बाद शटल बस से ही करीब सवा ग्यारह बजे वे संगम पहुंचेंगे और स्नान करेंगे। फिर वापस वीआईपी घाट और क्रूज से अरैल पहुंचेंगे। दिन में करीब डेढ़ बजे सेक्टर 19 स्थित एनसीजेडसीसी पंडाल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहां जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के संबोधन का सीधा प्रसारण किया जाएगा। संबोधन करीब 45 मिनट का होगा। विदेशी मेहमान भारत की सांस्कृतिक विविधता से भी रूबरू होंगे। सांस्कृतिक आयोजन के बाद वे बमरौली एयरपोर्ट जाएंगे और वहां से विशेष विमान से रवाना होंगे।
मेला प्रशासन की ओर से विदेशी मेहमानों के स्वागत की विशेष तैयारी की गई है। बमरौली से संगम तक जगह-जगह सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से उनका स्वागत किया जाएगा। संगम क्षेत्र में भी ढोल-नगारे से स्वागत होगा। मेहमानों को ले आने वाले शटल बसों, क्रूज को भी खासतौर पर सजाया गया है। संगम पर भी उनके स्नान तथा भ्रमण के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
32 देशों के विशेष दल का भी आगमन आज
32 देश के विशेषज्ञों का 75 सदस्यीय दल भी शुक्रवार को कुंभ क्षेत्र में होगा। इसमें भारत के भी प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस दल में विदेश के डिप्लोमेट्स, प्रोफेशनल्स एवं शिक्षाविद होंगे। यह दल हमसफर ट्रेन से सुबह करीब साढ़े छह बजे जंक्शन पहुंचेगा। वहां से उन्हें अरैल स्थित टेंट सिटी में लाया जाएगा। वहां से सभी कुंभ क्षेत्र के भ्रमण के लिए निकलेंगे। मेहमान संगम स्नान के अलावा अक्षयवट, बड़े हनुमानजी का दर्शन करेंगे। कला ग्राम, संस्कृति ग्राम आदि स्थलों का भ्रमण करेंगे। अरैल स्थित परमार्थ दर्शन के शिविर में उनकी बैठक होगी। इसमें कुंभ आयोजन के साथ देश-दुनिया की वर्तमान स्थिति पर चर्चा होगी।
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