विकास की गंगा पर संगम में लगी मुहर, कुंभ मेला क्षेत्र में हुई कैबिनेट की बैठक में हुए कई फैसले





कुंभ में मंगलवार को एक और इतिहास रचा गया। पहली बार लखनऊ से बाहर कुंभनगरी में आयोजित की गई प्रदेश कैबिनेट की पहली  बैठक में दुनिया के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी गई। प्रयागराज से मेरठ के बीच बनने वाले चार लेन के एक्सप्रेसवे की दूरी 600 किलोमीटर होगी और इसके निर्माण पर 36 हजार करोड़ की लागत आएगी। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने बुंदेलखंड व गोरखपुर एक्सप्रेस वे पर भी मुहर लगा दी।
बैठक के बाद प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में होने वाली यह बैठक ऐतिहासिक है। राजधानी के बाहर कैबिनेट की यह पहली बैठक है, जिसमें प्रयागराज को ध्यान में रखकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उन्होंने बताया कि प्रयागराज से पश्चिम के जिलों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस वे के लिए कैबिनेट में सैद्धांतिक सहमति बन गई है। आगे की प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि मेरठ, अमरोहा, बुलंदशहर, बदांयू, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक बनने वाला यह एक्सप्रेस चार लेन का होगा, जिसका छह लेन तक विस्तार किया जा सकेगा। इसके दोनों तरफ हरित पट्टी भी होगी। इनके बीच में आठ रेलवे ओवर ब्रिज तथा 18 फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। इस परियोजना के लिए कुल 6556 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।
कैबिनेट के अन्य फैसले
-जिन कुष्ठ रोगियों के पास अपना घर नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री योजना के तहत आवास दिया जाएगा। प्रदेश में ऐसे 3791 कुष्ठ रोगी चिह्नित किए गए हैं। इनमें से 3684 के पास आवास लायक भूखंड हैं, लेकिन 107 के पास जमीन भी नहीं है।
-कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम में संशोधन किया गया है। इसके लिए मंडी समिति में पंजीकृत किसान ही सभापति और उपसभापति चुने जा सकेंगे। निजी मंडियों की स्थापना का भी निर्णय लिया गया है।
-इसके अलावा मंडी समितियों का ऑडिट अब स्थानीय निधि लेखा परीक्षा के बजाय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षा से कराया जाएगा।
-एसजीपीआई लखनऊ के चिकित्सकों, कर्मचारियों को वेतन, भत्ता समेत अन्य सुविधाएं एम्स के बराबर दी जाएंगी।
-शाहजहांपुर महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. का संचालन पांच वर्ष के लिए राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया।
-प्रयागराज, विंध्याचल और चित्रकूट के धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण होगा।

कुंभ के बाद अक्षयवट दर्शन के लिए पीएम से हुई बात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयास से कुंभ विश्व का आयोजन हो चुका है। 450 वर्षों बाद श्रद्धालुओं को अक्षयवट दर्शन का अवसर मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अक्षयवट दर्शन की यह सुविधा भविष्य में भी लोगों को मिलती रहे, इसके लिए प्रधानमंत्री से वार्ता की गई है।

Comments

  1. कई लाखों भारतीय, पुरुष और महिला, युवा और वृद्ध, व्यक्ति और भिक्षु, इलाहाबाद कुंभ मेला में आते हैं । भारत में पवित्र स्थल त्यौहार, कहा जाता है मेलों, हिंदू धर्म की तीर्थयात्रा परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। एक देवता या शुभ ज्योतिषीय काल के जीवन में एक पौराणिक घटना का जश्न मनाते हुए, देश भर से तीर्थयात्रियों की भारी संख्या को आकर्षित करता है।

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