एक साथ कई कीर्तिमानों के लिए याद किया जाएगा कुंभ ।।
पहली बार प्रबंधन, सेवा-सत्कार से लेकर संगीत तक के क्षेत्र में रिकार्ड बने। तंबुओं की नगरी जहां दूधिया रोशनी के उजास में दमकी, वहीं स्वच्छता के मानक भी प्रस्तुत किए गए। अबतक 21 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के सुरक्षित डुबकी लगाई तो दुनिया के समक्ष स्वच्छ कुंभ का उदाहरण पेश किया गया। चौबीस घंटे नुक्कड़ नाटक का रिकार्ड बना तो इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सिस्टम के जरिए 40 फीट की वीडियो वाल पर कुंभ की हर गतिविधि लाइव होती रही।
दिव्य कुंभ की कुछ खूबियां
-3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 20 सेक्टरों में बसाया गया कुंभ ।
-350 किमी चकर्ड प्लेट की सड़कें सुगम यातायात में बनीं मददगार।
-1,22,500 शौचालयों की स्थापना से कुंभ मेला क्षेत्र को स्वच्छ रखने में कामयाबी।
-20 हजार से अधिक डस्टबिन लगाकर सफाई प्रबंधन को दी गई गति।
-21 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने अब तक संगम में लगाई डुबकी।
-38 ट्रांसफर स्टेशन से कचरे के बैग मेले के बाहर भेजे गए।
-20 हजार डस्टबिनों से कचरा ट्रांसफर की व्यवस्था ।
-120 टिपर गाडिय़ों और 40 काम्पैक्टरों के इंतजाम ।
-10 हजार से अधिक सफाई कर्मिंयों की रही तैनाती।
-7000 मीट्रिन टन से भी अधिक कचरा एकत्र किया गया।
-1500 स्वच्छाग्रहियों की कारगर सर्वे व्यवस्था।
-350 किमी चकर्ड प्लेट की सड़कें सुगम यातायात में बनीं मददगार।
-1,22,500 शौचालयों की स्थापना से कुंभ मेला क्षेत्र को स्वच्छ रखने में कामयाबी।
-20 हजार से अधिक डस्टबिन लगाकर सफाई प्रबंधन को दी गई गति।
-21 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने अब तक संगम में लगाई डुबकी।
-38 ट्रांसफर स्टेशन से कचरे के बैग मेले के बाहर भेजे गए।
-20 हजार डस्टबिनों से कचरा ट्रांसफर की व्यवस्था ।
-120 टिपर गाडिय़ों और 40 काम्पैक्टरों के इंतजाम ।
-10 हजार से अधिक सफाई कर्मिंयों की रही तैनाती।
-7000 मीट्रिन टन से भी अधिक कचरा एकत्र किया गया।
-1500 स्वच्छाग्रहियों की कारगर सर्वे व्यवस्था।
thanks to Amar Ujala
Comments
Post a Comment