कुंभ का वैभव देख निहाल हुई दुनिया, भावुक हुए प्रवासी श्रद्धालु




विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक-सांस्कृतिक समागम वाले कुंभ में बृहस्पतिवार को दुनिया के 92 देशों आए प्रवासियों ने भारतीय परंपरा, सेवा, आतिथ्य और आध्यात्मिक गरिमा से सीधा साक्षात्कार किया। इसी के साथ कुंभ के सांस्कृतिक वैभव का विश्व पटल पर डंका तो बजा ही, भारत-मॉरीशस के रिश्तों में मजबूती को नया आयाम भी मिला।
प्रवासी भारतीय दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि पत्नी कोविता रामदीन के साथ पहुंचे मारीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ ने संगम तट पर गंगा, यमुना, अदृश्य सरस्वती के पवित्र जल से आचमन कर पूजा-आरती की। इनसे अलग मॉरीशस के 400 सदस्यों समेत करीब तीन हजार प्रवासी भारतीय भी विश्व के इस सबसे बड़े आयोजन का साक्षी बने।

वाराणसी से 70 बसों पर सवार होकर प्रवासी भारतीयों का दल दिन में करीब सवा बारह अरैल स्थित टेंट सिटी पहुंचा। कई एनआईआर बुधवार को ही पहुंच गए थे। एनआरआई मेहमानों का टेंट सिटी में जोरदार स्वागत किया गया।

12 प्रदेशों के कलाकारों ने प्रस्तुतियों से मेहमानों का स्वागत किया।

स्वागत करने वालाें में विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, सूबे की कैबिनेट मंत्री डॉ.रीता बहुगुणा जोशी, सिद्धार्थनाथ सिंह शामिल रहे। यहां उन्हें देश की सांस्कृतिक समृद्धि से भी रूबरू कराया गया। 12 प्रदेशों के कलाकारों ने प्रस्तुतियों से मेहमानों का स्वागत किया।

लंच के बाद एनआरआई दल को अरैल घाट ले जाया गया। वहां से वे फूलों से सजे क्रूज व नावों से सभी वीआईपी किला घाट पहुंचे। सैकड़ों एनआरआई ने संगम में डुबकी लगाई। अक्षयवट, पातालपुरी, सरस्वती कूप, बड़े हनुमान का दर्शन किया। 

इसके बाद अरैल में कला ग्राम, संस्कृति ग्राम में प्रागैतिहासिक काल से लेकर सिंधु कालीन सभ्यता, रामायण, महाभारत काल से अब तक के संदर्भों पर आधारित झांकियों का अवलोकन किया। यहां भी 12 राज्यों के कलाकारों ने अपनी लोक नृत्य की थिरकन से विदेशी अतिथियों का स्वागत किया।

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