मूल अक्षयवट के दर्शन का शुभारंभ 10 जनवरी को करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ । ।
मूल अक्षयवट के दर्शन का शुभारंभ 10 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। अक्षयवट से पातालपुरी होते हुए सरस्वती कूप तक के करीब एक किमी लंबे परिपथ पर बैरीकेडिंग व रैंप बनाने का काम सोमवार तक पूरा कर लिया जाएगा। कुंभ मेला प्रशासन ने रविवार की रात सीएम के हाथों मूल अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन का श्रीगणेश कराने की तैयारी पर मंथन किया। अफसरों के अनुसार बृहस्पतिवार को सीएम के हाथों मूल अक्षयवट का फाटक खुलेगा। कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच मूल अक्षयवट में श्रद्धालु प्रवेश करेंगे।
तलाशी के बाद प्रवेश दिया जाएगा। उधर, सरस्वती कूप तक जाने वाले रैंप पर भी बैरीकेडिंग कराई जा रही है। सोमवार तक मूल अक्षयवट, पातालपुरी और सरस्वती कूप में अवस्थापना सुविधाओं के अलावा अन्य निर्माणों को पूरा करा लिया जाएगा। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने रविवार की रात डीआईडी कुंभ केपी सिंह व अन्य अफसरों के साथ मूल अक्षयवट में दर्शन की शुरुआत कराने संबंधी तैयारियों पर विचार-विमर्श किया। मेलाधिकारी ने बताया कि सीएम 10 जनवरी को सीएम मूल अक्षयवट व सरस्वती कूप के दर्शन की शुरुआत करेंगे।
अकबर के किले में 433 वर्ष बाद पहली बार मूल अक्षयवट को देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए 10 जनवरी से खोल दिया जाएगा। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। कार्यक्रम तय होने के साथ ही कुंभ मेला प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। मूल अक्षयवट के मुख्य द्वार का निर्माण कराने के बाद रविवार को टाइल्स बिछाकर रैंप तैयार कर लिया गया। किला घाट जाने वाले मार्ग के नीचे स्नानार्थियों को सबसे पहले लोहे की बैरीकेडिंग से बनाई गई भूल-भुलैया से होकर गुजरना पड़ेगा। इसके बाद किला द्वार के बाहर लगे स्कैनर से श्रद्धालुओं के सामानों की चेकिंग की जाएगी।
तलाशी के बाद प्रवेश दिया जाएगा। उधर, सरस्वती कूप तक जाने वाले रैंप पर भी बैरीकेडिंग कराई जा रही है। सोमवार तक मूल अक्षयवट, पातालपुरी और सरस्वती कूप में अवस्थापना सुविधाओं के अलावा अन्य निर्माणों को पूरा करा लिया जाएगा। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने रविवार की रात डीआईडी कुंभ केपी सिंह व अन्य अफसरों के साथ मूल अक्षयवट में दर्शन की शुरुआत कराने संबंधी तैयारियों पर विचार-विमर्श किया। मेलाधिकारी ने बताया कि सीएम 10 जनवरी को सीएम मूल अक्षयवट व सरस्वती कूप के दर्शन की शुरुआत करेंगे।
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