प्रयागराज: अकबर के ऐतिहासिक किले में 4 जनवरी को पहुंचेगी मां सरस्वती की प्रतिमा











अकबर के ऐतिहासिक किले में मां सरस्वती की कमलासन पर विराजित नयनाभिराम प्रतिमा चार जनवरी तक तैयार हो जाएगी। मूर्तिकारों ने इस प्रतिमा की ढलाई पूरी कर ली है। अलग-अलग सांचे में प्रतिमा को गढ़ा गया है। इधर, किले में सरस्वती कूप पर जहां प्रतिमा की स्थापना होनी है, वहां फाउंडेशन बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। नए साल में ही सेना के वाहन से मां सरस्वती की प्रतिमा कालिंदीपुरम के वर्कशॉप से किले में ले जाई जाएगी। 












कमल पुष्प पर के आसन पर मां सरस्वती की 12 फीट ऊंची प्रतिमा को कालिंदीपुरम स्थित वर्कशॉप में मूर्त रूप दिया जा रहा है। इस प्रतिमा को कोलाकाता के मूर्तिकार तारुक पॉल अपने 22 सहयोगियों के साथ मिलकर रच-गढ़ रहे हैं। चेहरा, चार भुजाएं, कमल के अलावा प्रतिमा के अन्य भागों की अलग-अलग ढलाई की गई है। दिल्ली की द विविद इंडिया एडवरटाइजिंग कंपनी के कमल किशोर जेटली ने बताया कि पद्मासन मुद्रावाली मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में अभी हफ्ते भर का समय लगेगा।



मेला प्रशासन 31 दिसंबर तक प्रतिमा पूरी कराने पर जोर दे रहा है, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सकेगा। शंख, वीणा, व अन्य शस्त्रों के साथ चार जनवरी तक प्रतिमा तैयार होगी। प्रतिमा स्थापित करने के लिए सरस्वती कूप पर फाउंडेशन तैयार कर लिया गया है। इसके लिए ढाई फीट ऊंचा 10 फीट का गोलाकार फाउंडेशन बनाया गया है। इसी फाउंडेशन पर प्रतिमा लगाई जाएगी। प्रतिमा पीछे पांच फीट और सामने 10 फीट की जगह परिक्रमा पथ के रूप में दी गई है, ताकि देश-दुनिया के श्रद्धालु मां सरस्वती की परिक्रमा भी कर सकें।    

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