कुंभ मेले में बनाया गया खास बैंक, परेशान श्रद्धालुओं की ऐसे हो रही मदद
प्रयागराज संगम नगरी जहां 15 तारीख को शाही स्नान हुआ करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शाही स्नान किया और मेले का लुत्फ उठाया प्रशासन की बेहतर व्यवस्था से श्रद्धालु काफी खुश नजर आए। किसी ने मोक्ष की प्राप्ति के लिए तो किसी ने अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए तो कोई अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए कोई आध्यात्मिक मन से जुड़े रहने के लिए इस पावन नगरी प्रयागराज में स्नान किया।
इस बार कुंभ कुछ अलग ही अंदाज में था, कई हेक्टेयर की भूमि कुंभ के मेले का आयोजन किया तो वहीं प्रशासन ने कड़ा रुख भी अपनाया श्रद्धालु और सन्यासी सब के जाने के रास्ते अलग-अलग थे। जगह-जगह होल्डिंग्स लगी थी, प्रयाग किस नगरी में कुंभ का अपना अलग ही महत्व है।
कुंभ को भारतीय संस्कृत का महापर्व कहा गया है, इस पर्व पर स्नान दान ज्ञान मंथन के साथ ही अमृत की प्राप्ति की बात भी कही जाती है। कुंभ का बौद्धिक पौराणिक ज्योतिषीय के साथ साथ वैज्ञानिक आधार भी है कुंभ का वर्णन वेदो में भी मिलता है। कुंभ का महत्व ना केवल भारत में वर्ण विश्व के देशों में है, यही कारण है कि यहां विदेशी पर्यटक भी अपना डेरा डाले हुए और विदेशी पर्यटक हमारी संस्कृत में रचने बसने की कोशिश करते हैं तो ही शाम को 6:00 बजे गंगा आरती के समय विदेशी पर्यटक गंगा आरती का आनंद लेते हैं।
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