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Showing posts from November, 2018

लापरवाही और गंदगी देख भड़के मंत्री : कुम्भ

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जिले के प्रभारी मंत्री बुधवार को मेडिकल कॉलेज के एसआएन अस्पताल में कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी की लापरवाही देख तमतमा गए। अधिशासी अभियंता मौके पर नहीं मिले तो लखनऊ में मुख्य अभियंता को फोन लगाया और बोले, पीडब्ल्यूडी के बस का नहीं है काम, कुंभ से पहले कुछ भी हो पाना संभव नहीं दिख रहा है। इसके बाद मंत्री ने कुंभ कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया तो उन्हें हर तरफ खामियां मिलीं। हर तरफ गंदगी पसरी थी तो अधिकांश स्थानों पर मलबे का ढेर लगा था। अफसरों को चेताया अब दंडात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहें। प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन लखनऊ से दोपहर करीब तीन बजे सीधा एसआरएन अस्पताल परिसर पहुंचे। वहां प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह, एसआईसी डॉ. एके श्रीवास्तव, डिप्टी एसआईसी गौतम त्रिपाठी ने उनका स्वागत किया।  वह सीधे पुराने भवन में वार्डों का निरीक्षण करने पहुंच गए। गलियारे में टाइल्स का न लगना, बिजली का अधूरा काम और मलबा, कबाड़ पड़ा देख उनका मूड बिगड़ गया। वहीं से मुख्य अभियंता से उनके मातहतों के बारे में जानकारी देकर कुंभ कार्यों में बरती जा रही लापरवाही पर नाराजगी जताई। प्राचार्य से भी निगर...

जूना अखाड़े का हुआ प्रयागराज में प्रवेश।

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कुंभ  2019 के लिए श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा का झूंसी रामपुर से नगर प्रवेश जुलूस प्रारंभ हुआ। सुबह श्री रोकडिया हनुमान मंदिर पर जूना अखाड़ा के देवता का पूजन हुआ। उसके बाद नगर प्रवेश में शामिल होने आए संतों को दही खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरी महाराज के साथ ही निर्मोही अनी अखाड़ा के श्री महंत राजेंद्र दास, महाराज निर्वाणी अनी के श्री महंत धर्मदास जी, महाराज दिगंबर आणि के श्री महंत शिव शंकर दास के साथ ही नया उदासीन अखाड़ा के पदाधिकारियों सहित 13 अखाड़ों के प्रमुखों ने आकर जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्री महंत हरी गिरी महाराज  के साथ ही रमता पंच के श्री महंतो के साथ ही अखाड़ा के पदाधिकारियों का पुष्प मालाओं से स्वागत किया। सुबह 11:00 बजे रामपुर से प्रारंभ हुआ नगर प्रवेश जुलूस शाम 5:00 बजे श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा सिद्ध बाबा मौज गिरी आश्रम परिसर पहुंचा जहां देवता का पूजन कर अखाड़े के निशान और ध्वज स्थापित किए गए। जुलूस में महामंडलेश्वर के साथ ही अख...

ई-रिक्शा कराएंगे मेले का भ्रमण, व्हील चेयर की भी होगी सुविधा

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कुंभ मेला क्षेत्र में भ्रमण का मुख्य आधार ई-रिक्शा होंगे। झूंसी, परेड समेत कई स्थानों पर निजी वाहन रोक दिए जाएंगे। वहां से मेले में जाने तथा भ्रमण कराने के लिए ई-रिक्शा होंगे। इसके लिए 500 ई-रिक्शा चलाए जाएंगे। सलोरी से मेला के 100 फीट चौड़ी समानांतर सड़क भी बनाई जा रही है। इसके अलावा मेला क्षेत्र में भी दो मार्ग होंगे जिन पर ई-रिक्शा का संचालन होगा। मेला क्षेत्र में इस बार कम से कम वाहनों को प्रवेश दिया जाएगा। भारी वाहनों का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित करने की योजना है। ऐसे में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों के लिए शहर के चारों तरफ पार्किंग की व्यवस्था की गई है। झूंसी में पुरेसुरदास में पार्किंग बनाई जा रही है। यहां से मेला क्षेत्र में सीधे प्रवेश होगा।  पार्किंग स्थल से ई-रिक्शा की सुविधा मिलेगी, जिनकी मदद से झूंसी के अलावा सेक्टर 14 से नौ तक जाया जा सकेगा। लखनऊ से आने वालों के लिए फाफामऊ के बेला कछार में पार्किंग की व्यवस्था की गई है। वहां गंगा नदी पर पीपे के दो पुल बनाए जा रहे हैं। स्नानार्थी वहां से सलोरी आएंगे।  सलोरी में ई-रिक्शा की सुविधा होगी, जिनकी...

प्रयागराज जंक्शन समेत यूपी के 11 बड़े स्टेशनों पर लगेगा सौ फीट ऊंचा तिरंगा, रेलवे बोर्ड का निर्देश

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उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के इलाहाबाद जंक्शन समेत जोन के छह प्रमुख स्टेशनों पर अब सौ फीट ऊंचा तिरंगा फहराएगा। रेलवे प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। एनसीआर प्रशासन अपने ए वन ग्रेड के स्टेशनों पर इसकी शुरूआत करेगा। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर यह काम 31 दिसंबर तक किया जाना है। भारतीय रेलवे देश के 75 सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों के परिसर में 31 दिसंबर 2018 तक सौ फीट ऊंचा राष्ट्रध्वज लगाने का काम पूरा कर लेगा। इस बाबत रेलवे बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे को आदेश पत्र भी जारी किया है। 75 स्टेशनों की सूची में एनसीआर जोन के इलाहाबाद जंक्शन, कानपुर सेंट्रल, मथुरा जंक्शन, आगरा कैंट, झांसी जंक्शन और ग्वालियर स्टेशनों के नाम शामिल है। इसके अलावा सूबे में अन्य जोनल रेलवे के अधीन आने वाले दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, गोरखपुर, लखनऊ, लखनऊ जंक्शन, वाराणसी कैंट, बरेली जंक्शन और उत्तराखंड के हरिद्वार एवं देहरादून रेलवे स्टेशनों पर भी राष्ट्रीय ध्वज आने वाले दिनों में लगाया जाएगा। रेल यात्रियों में राष्ट्रभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए इन स्टेशनों पर सौ फीट ऊंचा ...

इस बार महामंडलेश्वर आएंगे 'ऑस्ट्रेलिया' और 'अमेरिका' से भी।

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संगम की रेती पर लगने वाले कुंभ पर्व में देश और दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने और आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति के लिए आएंगे। अखाड़े कुंभ पर्व के सबसे बड़े आकर्षण होंगे। उनकी छावनी से लेकर पेेशवाई और शाही स्नान तक सभी कुछ अलग और खास होगा। अखाड़ों के अलावा विदेशों के महामंडलेश्वर भी आस्था के पर्व की शोभा बढ़ाएंगे।  शाही स्नान का पहला अधिकार रखने वाले पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की पेशवाई भी निराली होगी।शाही परंपरा के अनुरूप निकलने वाली महानिर्वाणी की पेशवाई में देश के अलग-अलग प्रांतों में बसे महामंडलेश्वरों के अतिरिक्त सात समंदर पार बसे महामंडलेश्वर भी रहेंगे। इसमें आस्ट्रेलिया में बसे महामंडलेश्वर जसराजपुरी जी महाराज सहित महामंडलेश्वर ज्ञानेश्वर आनंद जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी विवेक पुरी जी महाराज शामिल हैं। वहीं न्यूयार्क में बसे महामंडलेश्वर स्वामी हरिश्चंद्र पुरी जी महाराज के साथ स्वामी नित्यानंद व अखाड़े की परंपरा का प्रचार-प्रसार कर रहे अन्य संत भी पेशवाई का आकर्षण रहेंगे।  श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रामसे...

कुंभ से पहले प्रयागराज को मिलेगी एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग

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प्रयागराज को अगले साल 15 जनवरी से शुरू होने जा रहे कुंभ मेले से पहले एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग मिल सकती है। यह देश की सबसे तेजी से बनने वाली एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग है। कुंभ में करोड़ों यात्रियों के आने की संभावना को देखते हुए यह सुविधा बेहद महत्‍वपूर्ण होगी। गंगा, यमुना और अदृश्‍य सरस्‍वती नदी के तट पर बसे प्रयागराज को अगले साल 15 जनवरी से शुरू होने जा रहे  कुंभ  मेले से पहले एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग मिल सकती है। यह देश की सबसे तेजी से बनने वाली एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसे रेकॉर्ड 11 महीने में पूरा करने का लक्ष्‍य रखा है।  एएआई एयरपोर्ट पर और ज्‍यादा विमानों को खड़ा करने की सुविधा तैयार कर रहा है जो पहले की योजना से अधिक है। एएआई के चेयरमैन गुरुप्रसाद महापात्रा ने कहा, 'चूंकि प्रयागराज को देश के अन्‍य राज्‍यों से जोड़ने की मांग काफी ज्‍यादा हो रही है, हम और ज्‍यादा विमानों को खड़ा करने के लिए पार्किंग एरिया बना रहे हैं।'  महापात्रा ने बताया कि इसके लिए पहले बनी योजना में बदलाव किया गया है। अतिरिक्‍त ...

कुंभ में हाईटेक होंगी स्वास्थ्य सेवाएं

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कुंभ में स्वास्थ्य सेवाएं भी हाईटेक होंगी। आपात स्थिति में गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को एयर एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। ‘बेड टू बेड’ अनुबंध के तहत चयनित कंपनी मरीज को कुंभ मेला क्षेत्र से लेकर लाइफ सपोर्ट के साथ दिल्ली या मुंबई के हायर सेंटर तक पहुंचाएगी।  कंपनी को एयर एंबुलेंस मेला अवधि में बम्हरौली एयरपोर्ट पर तैनात रखनी होगी। आपात स्थिति में उड़ान भरने के लिए कंपनी एयरपोर्ट अथॉरिटी से खुद अनुमति लेगी।  स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की पहल पर विभाग ने एयर एंबुलेंस की उपलब्धता का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। शासन की स्वीकृति मिलने के बाद एयर एंबुलेंस के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं।  26 नवंबर तक टेंडर की औपचारिकताएं पूरी कर 30 नवंबर तक एयर एंबुलेंस मुहैया कराने के लिए कंपनी का चयन कर लिया जाएगा। मेला अवधि में बम्हरौली एयरपोर्ट पर तैनात एयर एंबुलेंस का उपयोग आपात स्थिति में किया जाएगा। गंभीर अवस्था में विशिष्ट जनों के अतिरिक्त श्रद्धालुओं को भी विशेषज्ञों की संस्तुति पर बेहतर इलाज के लिए देश के बड़े नामचीन अस्पतालों तक पहुंचाने का इंतजाम रहे...

15 दिन पहले खरीद सकेंगे जनरल टिकट :महाकुंभ

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महाकुंभ की अवधि के दौरान प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की भीड़भाड़ को कम करने के लिए रेलवे ने अनारक्षित टिकटों की खरीद 15 दिन पहले करा लेने की अनुमति देने निर्णय लिया है जो अभी तक तीन दिन पहले ही की जा सकती थी।  यह सुविधा प्रयागराज में केवल 12 स्टेशनों पर यात्रा करने के लिए उपलब्ध है। एक परिपत्र में रेलवे ने कहा है कि समारोह के दौरान बहुत अधिक भीड़ रहने की उम्मीद है और मेला स्टेशनों से कुछ दबाव कम करने के लिए कार्यक्रम के दौरान ‘वापसी’ टिकटों की खरीद की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया। इसमें बताया गया है, ‘‘महाकुंभ मेला के आयोजन वाले प्रयागराज क्षेत्र में 12 स्टेशनों में से किसी पर यात्रा के लिए भारतीय रेलवे के किसी स्टेशन से यूटीएस एप्प के जरिए अगर एक यात्री अनारक्षित टिकट खरीदता है तो यात्रा की तारीख छोड़कर वापसी टिकट 15 दिन पहले बुक कराने की अनुमति होगी।’’  इसका मतलब है कि अगर नागपुर का एक यात्री प्रयागराज कुंभ मेले में किसी स्टेशन का और वापसी का टिकट खरीदना चाहता है तो वह 15 दिन पूर्व टिकट खरीद सकता है। हालांकि ऐसी वापसी टिकटों को वापस नहीं किया जाएगा। 1...

कल्पवासियों के लिए दूर की कौड़ी साबित हो सकता है संगम, इस कारण सता रहा डर

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अरबों रुपये खर्च कर बनाई जा रही कुंभ नगरी में संगम स्नान की कामना लेकर आने वाले कल्पवासियों के संगम दूर की कौड़ी साबित हो सकता है। कल्पवासियों के लिए संगम के आसपास के क्षेत्र में इस बार जगह मिलने की उम्मीद कम ही है। वजह यह है कि प्रशासन का सारा ध्यान संगम के आसपास के क्षेत्र में अखाड़ों, शंकराचार्यों, साधुओं और संतों को बसाने पर ही है। इसके लिए अच्छाखासा दबाव भी है। लिहाजा कल्पवासियों को संगम से दो तीन किलोमीटर दूर ही जगह मिलने की उम्मीद है। इस आशंका के मद्देनजर पहले से ही संगम और मोरीमार्ग पर जमीन देने की मांग कर रहा है मगर मेला प्रशासन की ओर से अभी तक ऐसा को संकेत नहीं मिला है कि प्रयागवालों को कहां जमीन आवंटित होगी। दरअसल कुुंभ मेले में देश के कोने-कोने से आने वाले कल्पवासियों के रहने की सारी व्यवस्था प्रयागवाल ही करते हैं। मेला प्रशासन कल्पवासियों को कोई भूमि आवंटित नहीं करता है। जमीनें और सुविधाएं तीर्थ पुरोहितों को दी जाती हैं। कल्पवासी इन्हीं तीर्थपुरोहितों के यजमान होते हैं। माघ मेला आने वाले श्रद्धालुओं की प्राथमिकता संगम क्षेत्र में ही बसने की होती है ताकि आ...

चंद्रशेखर आजाद पार्क में लाभ मिलेगा नक्षत्र वाटिका का

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चंद्रशेखर आजाद पार्क में जाने वालों को अब नक्षत्र वाटिका का भी लाभ मिलेगा। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को पौधरोपण कर इसका लोकार्पण किया। गोल आकार में सभी 27 नक्षत्रों से संबंधित पौधे लगाए गए जाएंगे। आजाद पार्क में साउंड सिस्टम, तालाब कई अन्य आकर्षण होंगे। वहां बने ताल को और खुबसूरत बनाया जा रहा है। जॉगिंग ट्रैक के मरम्मत आदि काम भी होंगे। इसी क्रम में नक्षत्र वाटिका बनाई गई है। ज्योतिष के अनुसार हर नक्षत्र का एक पौधा होता है। इनके लगाने तथा देखभाल से नक्षत्रों का दोष दूर हो जाता है। इस लिहाज से पार्क में नक्षत्र वाटिका की लंबे समय से मांग की जा रही थी जो शनिवार को पूरी हुई। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्षत्र वाटिका बन जाने से पार्क का आकर्षण और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि कुंभ में लाखों विदेशी मेहमान आएंगे। इनमें कई देश के राजदूत तथा अन्य प्रमुख लोग शामिल होंगे। लौटने के बाद ये लोग प्रयागराज का बखान करें इसके लिए पूरे शहर को सजाया जा रहा है। इसमें आजाद पार्क भी शामिल है। उन्होंने अन्य योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने शहर में...

कुंभ में रेलवे स्टेशन पर तैनात रहेंगे चिकित्सक.

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 कुंभ के दौरान यात्रियों की सेहत का विशेष ख्याल रखा जाएगा। स्टेशन परिसर के अंदर व बाहर यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत होने पर त्वरित उपचार होगा, उसके मद्देनजर जगह-जगह चिकित्सकों की टीम तैनात रहेगी। डीआरएम अमिताभ के निर्देश पर जंक्शन पर उपलब्ध समस्त सुविधाओं की जानकारी देने के लिए प्रवेश द्वार पर साइनेज बोर्ड लगाया जाएगा। वहीं जंक्शन पर मशीनीकृत सफाई, व्हीलचेयर, सुरक्षा व अग्निशमन यंत्र की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक आश्रय स्थल में एक मेडिकल बूथ होगा जहां डॉक्टर, फार्मासिस्ट एवं अन्य स्टाफ मौजूद रहेंगे। दवाएं व जांच की उपयुक्त व्यवस्था रहेगी। साथ ही प्लेटफार्म नंबर एक, दो, तीन, सात, आठ, नौ व दस पर एक मेडिकल बूथ बनेगा। प्लेटफार्म नंबर चार व छठ पर दो मेडिकल बूथ बनाएं जाएंगे। वहीं जंक्शन के सिटी व सिविल लाइंस साइड पर एंबुलेंस खड़ी रहेगी। नैनी स्टेशन पर एक मेडिकल बूथ स्टेशन व एक आश्रय स्थल में बनाया जाएगा। छिवकी स्टेशन पर मेडिकल बूथ प्लेटफार्म व एक आश्रय स्थल में बनेगा। आपसी सामंजस्य स्थापित करने को आरपीएफ, वाणिज्य, इलेक्ट्रिकल, मेडिकल व अन्य विभागों में के अधिकारियों...

कुंभ के लिए भूमि आवंटन का हुआ श्रीगणेश

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कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद की मौजूदगी में सुबह नौ बजे भूमि आवंटन की प्रक्रिया आरंभ हुई। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री महंत हरि गिरि की मौजूदगी में बड़ा अखाड़ा, नया उदासीन अखाड़ा, पंचदशनाम जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, महानिर्वाणी, निर्वाणी अनि, आवाहन, अग्नि अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, दिगंबर अनि अखाड़ा और अटल अखाड़ा के महंतों, प्रतिनिधियों के अलावा संतों ने अपनी पसंद बताई। इसके बाद बारी-बारी से सभी 13 अखाड़ों को कुल 85 बीघा भूमि आवंटित की गई। भूमि आवंटन के दौरान ही अखाड़ों की ओर से आपत्ति दर्ज कराई जाने लगी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि इस भूमि आवंटन से अखाड़ों में असंतोष पैदा हो गया है। सभी अखाड़ों ने अपनी-अपनी ओर से आपत्तियां दर्ज कराई हैं। इससे मेला प्रशासन को अवगत करा दिया गया है।                                                                           ...

अब आप भी उड़ान भर सकते हैं प्रयागराज से बंगलुरू तक।

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गार्डन सिटी के नाम से मशहूर बंगलूरू से प्रयागराज के बीच सीधा हवाई संपर्क हो गया है। इन दोनों ही महत्वपूर्ण शहरों के बीच बृहस्पतिवार से सीधी हवाई सेवा शुरू हो गई है। इंडिगो एयरलाइंस की प्रयागराज-बंगलूरू के बीच हवाई सेवा का शुभारंभ सूबे के उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने दीप प्रज्ज्वलन और केक काटने के साथ बम्हरौली एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल में किया। जेट एयरवेज की लखनऊ, पटना, नागपुर और इंदौर के बाद अब इंडिगो की बंगलूरू के लिए शुरू हुई इस हवाई सेवा को लेकर लोगों में भी खासा क्रेज रहा। पहले दिन फ्लाइट अपने निर्धारित समय के पूर्व ही प्रयागराज पहुंच गई। 180 सीट वाली इस फ्लाइट के पहले सफर में संगम नगरी से कुल 170 मुसाफिर बंगलूरू के लिए रवाना हुए। इंडिगो अफसरों ने भी माना कि प्रयागराज से हमें अच्छा रिस्पांस मिला। आने वाले समय कई अन्य शहरों के लिए भी प्रयागराज से सीधी फ्लाइट शुरू की जाएगी। इस अवसर पर उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी हवाई सफर करे इसी वजह से पीएम मोदी के नेतृत्व में रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस)- उड़ान के तहत सस्ती ...

आज हुआ " श्री रामायण एक्सप्रेस " का उद्द्घाटन

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भारतीय रेलवे आज(बुधवार) से श्री रामायण एक्सप्रेस की शुरुआत करने जा रही है. यह विशेष पर्यटन ट्रेन दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से रवाना होगी. यह 16 दिनों का एक सामूहिक पैकेज होगा जिसमें भारत में भगवान राम से जुड़े हर महत्वपूर्ण स्थलों की यात्रा कराई जाएगी. इसी पैकेज में श्रीलंका के 4 स्थलों की भी यात्रा कराई जाएगी. दिल्ली से रवाना होने के बाद ट्रेन का  अयोध्या  में पहला पड़ाव होगा और इसके बाद ये हनुमान गढ़ी, रामकोट और कनक भवन मंदिर जाएगी. ट्रेन  रामायण  सर्किट के महत्वपूर्ण स्थलों जैसे नंदीग्राम, सीतामढ़ी, जनकपुर, वाराणसी, प्रयाग, श्रृंगपुर, चित्रकूट, नासिक, हम्पी और रामेश्वरम को कवर करेगी. ट्रेन अपनी यात्रा तमिलनाडु के रामेश्वरम में 16 दिनों में पूरी करेगी. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के मुताबिक टूर पैकेज में धर्मशालाओं में भोजन, आवास, दर्शनीय-स्थलों की सैर की व्यवस्था होगी और आईआरसीटीसी के टूर मैनेजर भी पर्यटकों के साथ पूरे दौरे की यात्रा करेंगे.   यह है टिकट की कीमत श्री रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में 800 यात्रियों की कुल क्षमता ...

आख़िर कब पूरे होंगे कुम्भ के काम ?

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इस साल की शुरूआत से निर्माण कार्यों के कारण परेशानी झेल रहे शहरियों की जुबान पर बड़ा सवाल है कि कुंभ के काम कब पूरे होंगे।  डिवाइडर और सड़क निर्माण का काम ही अधूरा पड़ा है। कहीं फैली गिट्टियां वाहनों के टायरों को घायल कर रही हैं तो कहीं मलबा राह में बाधा बना है। शहरियों को सबसे ज्यादा राहत मिली रामबाग और नवाब यूसुफ रोड की सड़क बनने से, लेकिन जानकार कहते हैं कि अभी तो यहां गड्ढे भरे गए हैं। दोहरी परत का असली काम तो बाकी है। जिन इलाकों की सड़कें बनाई जा रही हैं, वहां लेबलिंग की समस्या बनी है। दो बार में किया गया डामरीकरण साफ दिखता है। ऊंची नीची बनाई गई सड़कों की गुणवत्ता को लेकर सवाल हर दिन उठ रहे हैं।                 शहर के जिन हिस्सों में सड़क-पुटपाथ बनाए जा रहे हैं, उनमें से अधिकांश इलाकों में सीवर, पेयजल के लिए पाइप और बिजली के केबल बिछाने का काम नहीं किया गया है। हड़बड़ी का आलम यह है कि डिवाइडर निर्माण के बाद स्ट्रीट लाइट के खंभे लगाने के लिए तोड़े जा रहे है। सर्वदलीय पार्षद संघर्ष समिति और नागरिक संघर्ष मोर्चा ने इस अव्यवस्था पर रोष ...

टिहरी बांध से कुंभ के दौरान गंगा में रोजाना छोड़े जाएंगे दो हजार क्यूसेक जल

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प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सपा-बसपा सरकार के समय कुंभ के दौरान गंगा में घुटनों तक जल होता था, इससे तीर्थ यात्रियों को स्नान में दिक्कत होती थीं। योगी सरकार में कुंभ के दौरान मकर संक्रांति से शिवरात्रि तक प्रयागराज में कमर से ऊपर जल रहेगा। इसके लिए उत्तराखंड के टिहरी बांध से गंगा में रोजाना 2000 क्यूसिक जल छोड़ा जाएगा।  उन्होंने कहा कि इस बार कुंभ मेला ऐतिहासिक होगा। सरकार इसके लिए तैयारियों में जुटी हुई है। कुंभ के समय जमा होने वाले समस्त अखाड़ों के साधु-संतों के ठहरने के लिए प्रयागराज में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। 25 दिसंबर के बाद उत्तराखंड के टिहरी में बने स्वामी रामतीर्थ बांध से पहले शाही स्नान के लिए जल छोड़ने की शुरूआत हो जाएगी। 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन कुंभ का पहला शाही स्नान है। टेहरी बांध से प्रयागराज तक अतिरिक्त जल पहुंचने में 15 दिन लगेंगे। सिंचाई मंत्री ने कहा कि कुंभ की मान्यता और हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थल के महत्व को देखते हुए सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ कर दिया है। सरकार के इस कदम की सर्वत्र सराहना हो र...

जानिए दीपावली पर्व से जुड़े इतिहास को

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दीपावली  या  दीवाली  अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है। [  दीवाली भारत के सबसे बड़े और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन  अयोध्या  के राजा  राम   अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे।  अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए।  कार्तिक  मास की सघन काली  अमावस्या  की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अधिकतर  ग्रिगेरियन कैलन्डर  के अनुसार  अक्टूबर  या  नवंबर  महीने में पड़ता है। दीपावली दीपों का  त्योहार  है।  भारतीयों  का विश्वास है कि  सत्य  की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई...