कुंभ के प्रथम शाही स्नान से पहले खुलेगा मूल अक्षयवट l

इसके लिए सेना, प्रशासन और पुलिस के अफसरों की एक दौर की समन्वय बैठक हो चुकी है। रूट निर्धारण पर जल्द ही फिर समन्वय बैठक होगी। एक उच्चाधिकारी ने बताया कि पीएमओ से अक्षयवट खोलने के संकेत मिलने के बाद पिछले नवंबर से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। 1583 में निर्मित इस किले के भीतर स्थित आयुध भंडार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अक्षयवट के दर्शन की व्यवस्था बनाई जा रही है।
श्रद्धालु पहले अक्षयवट जाएंगे। इसके बाद पालातपुरी में स्थित अन्य देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों की मूर्तियों के दर्शन करते हुए सरस्वती कूप के दर्शन कर किले के पश्चिमी हिस्से में स्थित द्वार से त्रिवेणी मार्ग से होकर बाहर निकलेंगे। मकर संक्रांति के प्रथम शाही स्नान से पहले मूल अक्षयवट को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।
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