अक्षयवट मंदिर के देखरेख की जिम्मेदारी सेना के हाथ में।
16 दिसंबर को ही पीएम नरेंद्र मोदी ने झूंसी के अंदावा में आयोजित सभा में अक्षयवट मंदिर खोले जाने की घोषणा की थी। उनकी इस घोषणा के बाद मेला प्रशासन और सेना ने अक्षयवट मंदिर तक श्रद्धालुओं को लाने की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि अगस्त माह में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के किला में दौरा करने के बाद से ही सेना ने यहां अक्षयवट तक पहुंचने वाला रास्ता बनाना शुरू कर दिया था। अब पीएम की घोषणा के बाद इस कार्य ने तेजी पकड़ ली है। बताया जा रहा है कि अक्षयवट को लेकर प्रयागराज मेला प्राधिकरण और सेना के अफसरों की बैठक हुई थी।
यहां पातालपुरी गेट स्थित राधा कृष्ण मंदिर के बगल वाली दीवार को ड्रिल किया जाएगा। दीवार के पीछे सेना की ओर से अक्षयवट तक पहुुंचने वाले मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। दस जनवरी से आम श्रद्धालुओं के लिए यह रास्ता खोले जाने के बाद यहां सेना ही अक्षयवट का रखरखाव करेगी। मेला प्राधिकरण ने यहां किसी भी तरह श्राइन बोर्ड बनाए जाने की संभावना से इंकार किया है। क्योंकि किला सेना के पास है, इस वजह से सेना ही अक्षयवट मंदिर का रखरखाव करेगी। उधर सेना पर निर्भर है कि वह इस मंदिर में किए जाने वालू पूजन अर्चन को अक्षयवट सेवा न्यास को सौंपती है या नहीं। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि पीएम की घोषणा के बाद वहां अब श्रद्धालुओं के पेयजल के लिए आरओ, रैंप आदि का निर्माण किया जा रहा है। शौचालय आदि की भी सुविधा दी जाएगी।
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