स्नान पर्व के दो दिन पूर्व गंगाजल का जांचा जाएगा प्रदूषण स्तर : कुंभ



कुंभ मेले में हर मुख्य स्नान पर्व से दो दिन पूर्व गंगाजल की जांच होगी, जिसमें प्रदूषण मानक से अधिक होने पर उनके खिलाफ भी बंदी की कार्रवाई होगी। कुंभ के दौरान गंगा में सीधे औद्योगिक अपशिष्ट व प्रदूषित पानी गिराने वाली औद्योगिक इकाइयों की सख्ती से मॉनिटरिंग चल रही है।
 मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान समेत देश के पांच तकनीकी संस्थान व विश्वविद्यालय इन इकाइयों से गंगा में बहाए जा रहे औद्योगिक कचरे एवं पानी की जांच कर रहा है। 23 से 30 दिसंबर के बीच औचक जांच होगी। यदि इस दौरान प्रदूषण मानक से अधिक रहा तो इन्हें बंद कर दिया जाएगा।
 एमएनएनआइटी के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने बताया कि कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को शुद्ध व साफ गंगा जल मिले, इसके लिए गंगा के किनारे बसे शहरों के प्रमुख तकनीकी संस्थानों का सहयोग लिया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मोतीलाल नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, आइटीआरसी से समझौता किया है। इस समझौते के तहत विभिन्न शहरों की करीब 400 औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले औद्योगिक कचरे व औद्योगिक जल के परीक्षण का जिम्मा दिया गया है।

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