कमल दल पर सरस्वती मां विराजेंगी अकबर के किले में II
मूल अक्षयवट खुलने के साथ ही इस बार अकबर के ऐतिहासिक किले में सरस्वती कूप पर मां सरस्वती की नयनाभिराम प्रतिमा स्थापित होगी। पहली बार कुंभ में श्रद्धालु सरस्वती कूप के पवित्र जल से आचमन के साथ ही मां सरस्वती के भी दर्शन कर सकेंगे। प्रदेश सरकार की इस परिकल्पना को साकार करने के लिए दिल्ली की एक एडवरटाइजिंग एजेंसी को सरस्वती प्रतिमा के निर्माण का जिम्मा दिया गया है। 31 दिसंबर तक कूप पर प्रतिमा स्थापित कर दी जाएगी, ताकि जनवरी में नए साल के पहले दिन से ही देश-दुनिया के श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान के बाद मां सरस्वती की प्रत्यक्ष आराधना कर सकें।
संगम तट पर स्थित अकबर के किले के 435 वर्षों के इतिहास में पहली बार सरस्वती कूप पर बड़ा बदलाव होगा। संगम में अदृश्य सरस्वती को प्रतीक रूप में इस कूप पर प्राण-प्रतिष्ठित किया जाएगा, ताकि कुंभ में विश्व भर से आने वाले श्रद्धालुओं को मां सरस्वती के दर्शन का भी लाभ मिल सके। इसके लिए दिल्ली की विविद एडवरटाइजिंग एजेंसी को सरस्वती प्रतिमा के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रतिमा की लागत 15 लाख रुपये होगी। मूर्तिकार कमलनाथ के निर्देशन में कारीगर इस प्रतिमा को गढ़ने में जुटे हैं। इसके लिए प्रयागराज में ही वर्कशॉप बनाई गई है।
प्रतिमा की ढलाई पूरी हो चुकी है। सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी रह गया है। 12 फीट ऊंची मां सरस्वती की प्रतिमा कमल दल पर विराजित होगी। इसमें मां सरस्वती चतुर्भुज स्वरूप में पद्मासन मुद्रा में भक्तों को दर्शन देंगी। उप मेलाधिकारी राजीव राय ने बताया कि 31 दिसंबर तक इस प्रतिमा को सरस्वती कूप पर स्थापित करा दिया जाएगा। इसके साथ ही भारद्वाज मुनि के आश्रम में महर्षि भारद्वाज की प्रतिमा भी देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी। मेला प्रशासन के एक अफसर के अनुसार महर्षि भारद्वाज की प्रतिमा को विख्यात मूर्तिकार राम सुतार बना रहे हैं।
संगम तट पर स्थित अकबर के किले के 435 वर्षों के इतिहास में पहली बार सरस्वती कूप पर बड़ा बदलाव होगा। संगम में अदृश्य सरस्वती को प्रतीक रूप में इस कूप पर प्राण-प्रतिष्ठित किया जाएगा, ताकि कुंभ में विश्व भर से आने वाले श्रद्धालुओं को मां सरस्वती के दर्शन का भी लाभ मिल सके। इसके लिए दिल्ली की विविद एडवरटाइजिंग एजेंसी को सरस्वती प्रतिमा के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रतिमा की लागत 15 लाख रुपये होगी। मूर्तिकार कमलनाथ के निर्देशन में कारीगर इस प्रतिमा को गढ़ने में जुटे हैं। इसके लिए प्रयागराज में ही वर्कशॉप बनाई गई है।
प्रतिमा की ढलाई पूरी हो चुकी है। सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी रह गया है। 12 फीट ऊंची मां सरस्वती की प्रतिमा कमल दल पर विराजित होगी। इसमें मां सरस्वती चतुर्भुज स्वरूप में पद्मासन मुद्रा में भक्तों को दर्शन देंगी। उप मेलाधिकारी राजीव राय ने बताया कि 31 दिसंबर तक इस प्रतिमा को सरस्वती कूप पर स्थापित करा दिया जाएगा। इसके साथ ही भारद्वाज मुनि के आश्रम में महर्षि भारद्वाज की प्रतिमा भी देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी। मेला प्रशासन के एक अफसर के अनुसार महर्षि भारद्वाज की प्रतिमा को विख्यात मूर्तिकार राम सुतार बना रहे हैं।
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