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Showing posts from February, 2019

कुंभ में आज से बनेंगे तीन दिन में तीन विश्व रिकार्ड, पहले दिन एक साथ चलेंगी 500 बसें

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कई ऐतिहासिक घटनाओं को समेटने वाले कुंभ 2019 में बृहस्पतिवार से विश्व रिकार्ड बनाने का दौर शुरू होगा। आगामी तीन दिनों में तीन विश्व रिकार्ड बनाए जाएंगे। इसकी शुरुआत बृहस्पतिवार को एक साथ 500 बसें चलाकर होगी। बसें गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की टीम की मौजूदगी में चलाई जाएं। यूपी रोडवेज की ओर से सहसों से नवाबगंज के बीच फोरलेन हाईवे पर 500 शटल बसों का एक साथ संचालन किया जाएगा। दरअसल, इस बार कुंभ मेले के सभी स्नान पर्वों पर रोडवेज की शटल बस सेवा से लाखों श्रद्धालुओं ने सफर किया। ये बसें 8.70 किमी की दूरी में क्रम से खड़ी रहेंगी। इन्हें सुबह आठ बजे परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह हरी झंडी दिखाएंगे और बसें 3.50 किमी तक एक साथ परेड करेंगी। हर एक बस के बीच दस-दस मीटर का अंतराल रहेगा। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. हरिशचंद्र यादव के मुताबिक यह विश्व में पहला मौका होगा जब 500 बसें एक साथ कतारबद्ध खड़ी होंगी और उसके बाद एक ही रूट पर चलेंगी। बसें बुधवार को पहुंचने लगी थीं। अन्य तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। छह हजार कलाकार करेंगे एक साथ पेंटिंग एक मार्च को एक साथ छह हजार कलाकार पेंटिं

पुरानी रंगत में फिर लौट आया संगम घाट, शहरी ले रहे जमकर मजा

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कुंभ स्नान तो अब कहने मात्र तक ही रह गया है। इसकी रौनक और रंगत की पुरानी परिपाटी संगम तीरे पर देखने को मिली। लोग अपने ही मिजाज में संगम घाट पर चार पहिया वाहन से लेकर दो पहिया वाहन के साथ वहां पहुंचकर स्नान किया। परिवार के साथ सेल्फी, संगम में प्रवासी पक्षियों की फोटो और नाव की सैर किया। अपनी सहुलियत को ध्यान में रखा और घराें की ओर लौट गए। मेला के मकर सक्रांति,पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या और माघी पूर्णिमा जैसे पर्वो के बीतने के बाद ही मेला सामान्य हो गया। इस दौरान स्थानीय और आस-पास के जिलों से लोंगो के आने-जाने सिलसिला संगम घाट की पर होने लगा। लोग बड़ी-बड़ी गाड़ियाें के साथ घाट तक जाने लगे। जिससे वहां पर गाड़ियों की कतारें लग गई। धुआं और धूल का मिश्रण लाेगो को परेशान किया। यहां तक इन्हें छूट सुरक्षा कर्मियाें ने दी थी। आलम रहा कि घाट पर कहीं बिखरे कपड़े रहे तो कही संगम तीरे पर ही कपड़े बदलने का क्रम चलता रहा। यहां तक लोगो ने गंगा में कपड़े धोने के प्रतिबंध को भी दरकिनार किया और गंगा में ही कपड़े धोए। जो आम स्नान के दिनाें में साफ तौर पर देखा जा रहा था। जबकि मेला प्रशासन ने श्रद्

सुरक्षित कुंभ में पीपीएस संवर्ग के कई अफसर खफा, डीजीपी ने विकल्पों पर विचार का दिया भरोसा

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डीजीपी ओपी सिंह की बैठक में भी शनिवार को ट्रांसफर-पोस्टिंग में भेदभाव सेनाराज एएसपी आशुतोष मिश्र के वीआरएस मांगने का मुद्दा छाया रहा। पता चला कि एएसपी आशुतोष इस पीड़ा को जताने वाले अकेले पुलिस अफसर नहीं हैं, उनके अलावा पीपीएस संवर्ग के कई पुलिस अधिकारी सुरक्षित कुंभ के लिए पसीना बहाने के बाद तैनाती को लेकर परेशान हैं और उनकी सुनी नहीं जा रही है। डीजीपी ने कुंभ में तैनात एएसपी स्तर के कई अधिकारियों को बुलवाकर उन्हें भरोसा दिलाया कि उनके विकल्पों पर विचार किया जाएगा। साथ की एएसपी आशुतोष मिश्र के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के दौरान डीजीपी ओपी सिंह ने तबादला और तैनाती को लेकर परेशान पुलिस अफसरों को बुलवाया था। इस दौरान डीजीपी ने पीपीएस संवर्ग के अफसरों से सामूहिक रूप से बात की। डीजीपी ने कहा कि सुरक्षित कुंभ के लिए योगदान देने वाले हर पुलिस अफसर की सहूलियतों का ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तैनाती के लिए जिन अफसरों ने भी विकल्प दिए हैं, उन पर पूरी संजीदगी से विचार किया जाएगा। परेशान होने की जरूरत नहीं ह

एक साथ कई कीर्तिमानों के लिए याद किया जाएगा कुंभ ।।

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 पहली बार प्रबंधन, सेवा-सत्कार से लेकर संगीत तक के क्षेत्र में रिकार्ड बने। तंबुओं की नगरी जहां दूधिया रोशनी के उजास में दमकी, वहीं स्वच्छता के मानक भी प्रस्तुत किए गए। अबतक 21 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के सुरक्षित डुबकी लगाई तो दुनिया के समक्ष स्वच्छ कुंभ का उदाहरण पेश किया गया। चौबीस घंटे नुक्कड़ नाटक का रिकार्ड बना तो इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सिस्टम के जरिए 40 फीट की वीडियो वाल पर कुंभ की हर गतिविधि लाइव होती रही। दिव्य कुंभ की कुछ खूबियां -3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 20 सेक्टरों में बसाया गया कुंभ । -350 किमी चकर्ड प्लेट की सड़कें सुगम यातायात में बनीं मददगार। -1,22,500 शौचालयों की स्थापना से कुंभ मेला क्षेत्र को स्वच्छ रखने में कामयाबी। -20 हजार से अधिक डस्टबिन लगाकर सफाई प्रबंधन को दी गई गति।  -21 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने अब तक संगम में लगाई डुबकी। -38 ट्रांसफर स्टेशन से कचरे के बैग मेले के बाहर भेजे गए। -20 हजार डस्टबिनों से कचरा ट्रांसफर की व्यवस्था । -120 टिपर गाडिय़ों और 40 काम्पैक्टरों के इंतजाम । -10 हजार से अधिक सफाई कर्मिंयों की रही तैनाती।  -7000 मी

मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित : कुंभ

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मेला क्षेत्र में शनिवार को सुबह आठ से रात आठ बजे तक वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। अफसरों ने बताया कि इस दौरान आवश्यक सेवाओं, पुलिस प्रशासन एवं मीडिया के वाहनों को ही भीतर जाने की अनुमति होगी।                                       शहर क्षेत्र से आने वाले वाहनेां को प्लाट नंबर 17, पीपा वर्कशॉप, गल्ला मंडी व दधिकांदो पार्किंग में व नैनी की ओर से आने वाले वाहनेां को नवप्रयागम, देवरख पार्किंग में रोका जाएगा। उधर झूंसी में वाराणसी व जौनपुर की ओर से आने वाले वाहनेां को छतनाग, महुआबाग, चीनी मिल, पूरेसूरदासपुर व समयामाई पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। तेलियरगंज, एलनगंज की ओर से आने वाले वाहन बक्शी बांध, बड़ा बघाड़ा कछार व गंगेश्वर महादेव कछार पार्किंग में खड़े कराए जाएंगे।

आज कुंभ नगरी से दिया जाएगा दुनिया को शांति का संदेश, 188 देश के करीब 200 प्रतिनिधि पहुंचे

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कुंभ नगरी शुक्रवार को एक और ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनने जा रही है। 188 देश के करीब 200 प्रतिनिधि यहां होंगे और कुंभ की भव्यता और दिव्यता को देखेंगे। साथ ही यहां से शांति का पैगाम लेकर लौटेंगे। विदेशी मेहमान दो चार्टेड प्लेन से सुबह करीब 9.30 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर उतरे। प्रदेश सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, डॉ. रीता बहुगुणा जोशी आदि एयरपोर्ट पर उनके स्वागत में उपस्थित रहे। एयरपोर्ट से छह शटल बसों से उन्हें संस्कृति ग्राम लाया गया। यहां से अरैल घाट जाएंगे और वहां से क्रूज से वीआईपी जेटी आएंगे। प्रतिनिधि मंडल अक्षयवट का दर्शन करेगा। इसके बाद शटल बस से ही करीब सवा ग्यारह बजे वे संगम पहुंचेंगे और स्नान करेंगे। फिर वापस वीआईपी घाट और क्रूज से अरैल पहुंचेंगे। दिन में करीब डेढ़ बजे सेक्टर 19 स्थित एनसीजेडसीसी पंडाल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहां जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के संबोधन का सीधा प्रसारण किया जाएगा। संबोधन करीब 45 मिनट का होगा। विदेशी मेहमान भारत की सांस्कृतिक विविधता से भी रूबरू होंगे। सांस्कृतिक

कुंभ 2019: प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय, 24 को लगाएंगे संगम में डुबकी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को संगम स्नान करेंगे। कुंभ क्षेत्र में वह करीब दो घंटे रहेंगे। इस दौरान वह अक्षयवट, सरस्वती कूप तथा बड़े हनुमानजी का दर्शन करेंगे। संतों से वार्ता के अलावा संगम नोज पर ही सांस्कृतिक आयोजन भी संभावित है। प्रधानमंत्री के साथ राज्यपाल और मुख्यमंत्री के भी आने की संभावना है। पहले माघी पूर्णिमा के दिन ही प्रधानमंत्री के आने का कार्यक्रम तय हुआ था लेकिन आखिरी समय में इसमें परिवर्तन हो गया। इसके बाद प्रधानमंत्री के 27 फरवरी को आने का कार्यक्रम तय हुआ। प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद सोमवार को विस्तृत कार्यालय भी संस्तुति के लिए भेज दी गई लेकिन मंगलवार को अचानक में उसमें फेरबदल हो गया। प्रधानमंत्री 24 फरवरी को गोरखपुर में होंगे। वहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद सेना के हेलीकॉप्टर से कुंभ क्षेत्र में आएंगे। उनका विमान दिन में 2.50 बजे कुंभ क्षेत्र में उतरेगा। वहां से सड़क मार्ग से संगम पहुंचेंगे। संगम क्षेत्र में वह 4.30 बजे तक रहेंगे। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि प्रधानमंत्री 24 को आएंगे। विस्तृत कार्यक्रम बुधवार

पवित्र डुबकी के साथ पूरा होगा कल्पवास, अगले साल फिर लगेगा आस्था का मिनी कुंभ

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प्रयागराज के संगम की रेती पर 6 या 12 साल में लगने वाले कुंभ या महाकुंभ मेला बारे में तो आप जानते ही हैं लेकिन यहां पर हर साल एक आस्था का मिनी कुंभ लगता है। जिसे माघ मेला कहते हैं। इस माघ मेले में हर साल श्रद्धालु एक माह तक कठिन नियम का पालन करते हुए कल्पवास करते हैं। पौष की पूर्णिमा से लेकर माघ की पूर्णिमा तक किया जाने वाला कल्पवास आज पवित्र डुबकी के साथ पूरा हो जाएगा। मान्यता है कि आज माघ की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगा नदी में स्नान करने आते हैं।  जब पृथ्वी पर उतर आते हैं देवता पौराणिक परंपरा के अनुसार प्रयागराज में सभी तीर्थ निवास करते हैं और यह स्थान तीर्थों का राजा है। ऐसे में सभी देवतागण माघ मास में अपने तीर्थ के राजा से मिलने के लिए इस पावन धरती पर उतरकर आते हैं। ऐसे में तमाम देवों और पूज्य साधु-संतों की उपस्थिति में मोक्ष की कामना लिए श्रद्धालु दूरदूर से यहां पर एक मास तक कठिन साधना करते हुए कल्पवास करते हैं। इस तरह करते हैं साधना  कल्पवास के दौरान श्रद्धालुओं को तमाम तरह के नियम संयम का पालन करना पड़ता है। जैसे दिन में दो बार स्नान, एक बार भोजन और एक बार फल

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की तबीयत बिगड़ी, प्रयागराज से इलाज के लिए आए बीएचयू

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ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती(swami swaroopanand saraswati) की गुरुवार दोपहर अचानक प्रयागराज में तबियत बिगड़ गई। प्रयागराज कुंभ मेले में सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें बीएचयू सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। यहां इलाज के बाद चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी स्थिति खतरे से बाहर है। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती(swami swaroopanand saraswati) को सर्दी, खांसी, जुकाम की शिकायत चार-पांच दिन से थी। कुंभ मेले में लगे शिविर में दोपहर के समय जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो आनन फानन में बनारस ले जाने का निर्णय हुआ। इधर, जानकारी मिलने के बाद ही बीएचयू सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी के साथ ही आईसीयू में भी बेड खाली कराने के साथ ही अन्य तैयारियां शुरू हो गईं। शाम करीब 4.30 बजे उन्हें विशेष वाहन से बीएचयू सर सुंदरलाल अस्पताल ले आया गया, जहां चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विजयनाथ मिश्रा के निर्देशन में पहले इमरजेंसी लाया गया। यहां चिकित्सकों ने तत्काल आईसीयू में भर्ती कराने की सला

कुंभ में आजः 15 फरवरी 2019 को होने वाले प्रमुख आयोजन

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Kumbh (कुंभ) में इस बार कई  इतिहास रचा जा रहा है। मौनी अमावस्या पर 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। रविवार को वसंत पंचती के दिन अंतिम शाही स्नान पर 1.7 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। कुंभ मेला प्रशासन ने दावा किया है कि तीनों शाही स्नान पर्वो से लेकर अब तक तकरीबन 17 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई है। बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व संतों के साथ संगम में डुबकी लगाकर हिंदुत्व एजेंडे को धार देने की कोशिश की। कुंभ मेला विधिवत रूप से अपनी धार्मिक यात्रा पर आगे बढ़ रहा है। इसी के साथ मेला क्षेत्र में बड़े धार्मिक आयोजन भी किए जा रहे हैं। हर तरफ मानवता, सेवा और संस्कार की सीख लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कहीं रामकथा तो कहीं लीलाओं का मंचन हो रहा है। संगम तीरे से लेकर शिविरों तक सांस्कृतिक-आध्यात्मिक गरिमा की गूंज सुनाई दे रही है। आज महाकुंभ का 32वां दिन है और ये हैं आज कुंभ नगर में होने वाले विशेष आयोजन:- 1- संगम तट पर महर्षि स्मारक भवन का लोकर्पण 2 बजे 2-  गंगा मंच  सेक्ट

Kumbh 2019: गुरुकुल बोर्ड के लिए कुंभ से शुरू हुई मुहिम, योगी और मोदी से मिलेंगे संत

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प्रयागराज कुंभ से संत एक नई मुहिम शुरू कर रहे हैं। यूपी बोर्ड और मदरसा बोर्ड की तरह गुरुकुल बोर्ड बनाने को लेकर मंथन शुरू हो गया है। जिस तरह नई पीढ़ी सनातन धर्म से विमुख हो रही है, उससे गुरुकुल पद्यति से शिक्षा आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद ने तमाम बड़े संतों के साथ विचार विमर्श कर गुरुकुल बोर्ड बनाने के लिए देश भर में मुहिम छेडऩे की तैयारी की है।  स्वामी बालकानंद ने बताया कि नई पीढ़ी सनातन धर्म के दूर टीवी, इंटरनेट आदि चीजों में बिजी रहती है। उन्हें धर्म के बारे मेंं ज्यादा जानकारी नहीं है। इसीलिए गुरुकुल बोर्ड बनाने की जरूरत महसूस की गई जिसमें सनातन धर्म के साथ विज्ञान और अंग्रेजी की शिक्षा भी दी जाएगी। बोर्ड बनने के बाद इसका वैधानिक पहलू भी हो जाएगा।   लोग जैसे दूसरे बोर्डों से परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस बनते हैं, उसी तरह गुरुकुल बोर्ड से पास होने वाले विद्यार्थी जब बड़े पदों पर पहुंचेंगे तो देश के साथ साथ धर्म का भी उतना ही मान सम्मान करेंगे। स्वामी बालकानंद ने बताया कि उन्होंने देश भर में इसके

कुंभ 2019: पहली बार पुष्प वर्षा से गदगद हैं स्नानार्थी, हेलीकाप्टर से गिरते फूल पाने को होड़

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आसमान से अपने ऊपर से गिरते फूल देखकर संत और संन्यासी भले मन ही मन खुश हो लेकिन स्नानार्थी पहली बार ऐसा स्वागत पाकर गदगद हैं। इस खुशी का स्नानार्थियों ने खुलकर अभिनंदन भी किया। रास्ते भर एक दूसरे से इसकी चर्चा भी करते हैं। प्रयागराज के अभी तक के कुंभ में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब स्नान के समय हेलीकाप्टर के जरिए कई-कई बार पुष्प वर्षा हो रही है। संगम क्षेत्र में जहां हर कोई डुबकी लगाने को आतुर था, वहीं पर अपने ऊपर बरसते फूलों को पाने के लिए स्नानार्थी दोनों हाथ ऊपर उठाए खड़े रहे। पुष्प वर्षा के दौरान बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी के  चेहरे पर अजीब सी खुशी देखी गई। योगी सरकार की संतों के साथ स्नानार्थियों पर पुष्पा वर्षा करने के पीछे जो भी मकसद हो, इतना अवश्य नजर आया कि पहली बार किए गए इस इंतजाम ने लोगों के चेहरे से लंबी दूरी पैदल चलने की थकान को दूर कर दिया। इसी तरह नाव से स्नान करने के लिए भी स्नानार्थियों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई। इतना जरूर है कि नाव के लिए प्रति व्यक्ति जो किराया निर्धारित किया गया है, नाविक उससे कई गुना वसूल रहे है। प्रशासन की तरफ से प्रति व्यक्ति

कुंभ में आजः 07 फरवरी 2019 को होने वाले प्रमुख आयोजन

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Kumbh (कुंभ) में इस बार कई  इतिहास रचा जा रहा है। मौनी अमावस्या पर 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। 24 जनवरी को कुंभ मेला क्षेत्र में तीन हजार से ज्यादा प्रवासी भारतीय पहुंचे। कुंभ में 29 जनवरी को एक और इतिहास रचा गया। पहली बार लखनऊ से बाहर कुंभनगरी में आयोजित की गई प्रदेश कैबिनेट की पहली  बैठक में दुनिया के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी गई। 31 जनवरी को कुंभ मेले में विहिप की धर्मसंसद में दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए गए तो धर्मसंसद के आखिरी दिन 1 फरवरी को राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव रखा गया। मोहन भागवत ने मोदी सरकार को छह माह का समय दिया। कुंभ मेला विधिवत रूप से अपनी एक माह की धार्मिक यात्रा पर आगे बढ़ रहा है। इसी के साथ मेला क्षेत्र में बड़े धार्मिक आयोजन भी किए जा रहे हैं। हर तरफ मानवता, सेवा और संस्कार की सीख लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कहीं रामकथा तो कहीं लीलाओं का मंचन हो रहा है। संगम तीरे से लेकर शिविरों तक सांस्कृतिक-आध्यात्मिक गरिमा की गूंज सुनाई दे रही है। आज महाकुंभ का 24वां दिन है और ये हैं आज कुंभ नगर में होने वाले

कुंभ 2019: जहां डुबकी वहीं संगम, जाम में फंसे श्रद्धालु

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मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं को संगम से दूर रखने की रणनीति बनाई गई है। शहर तथा जंक्शन से आने वाले स्नानार्थियों को ही संगम तक जाने दिया जाएगा। झूंंसी, फाफामऊ, नैनी की तरफ से आने वालों को नदी पार नहीं करने दिया जाएग। उनके लिए वहीं पर गंगा किनारे स्नान की व्यवस्था की गई है। यहां तक कि मेला क्षेत्र में प्रवेश के बाद स्नानार्थी पीपा पुल पार करके भी संगम नहीं आ सकेंगे। संगम नोज का एक हिस्सा अखाड़ों के स्नान के लिए सुरक्षित किया गया। इससे बाहर आम श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे लेकिन वहां तक भी परेड से आने वाले लोग ही पहुंच पाएंगे। इस मकसद से फाफामऊ से अरैल तक फैले पूरे क्षेत्र को संगम घोषित कर दिया गया है। डीआईजी मेला केपी सिंह ने बताया कि शहर, रेलवे स्टेशन से आने वाले श्रद्धालु सेक्टर एक से पांच में बने घाटों पर स्नान कर पाएंगे। लखनऊ, कानपुर और प्रतापपुर से आने वाले जो लोग नवाबगंज में रोके जाएंगे वे सेक्टर छह, सात आठ में घाटों पर स्नान कर पाएंगे। उन्हें पीपा पुल से भी गंगा नदी पार नहीं करने दिया जाएगा। जौनपुर से आने वाले उत्तरी झूंसी में सेक्टर नौ से 14 के बीच बने घाटों पर स्नान

विकास की गंगा पर संगम में लगी मुहर, कुंभ मेला क्षेत्र में हुई कैबिनेट की बैठक में हुए कई फैसले

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कुंभ में मंगलवार को एक और इतिहास रचा गया। पहली बार लखनऊ से बाहर कुंभनगरी में आयोजित की गई प्रदेश कैबिनेट की पहली  बैठक में दुनिया के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी गई। प्रयागराज से मेरठ के बीच बनने वाले चार लेन के एक्सप्रेसवे की दूरी 600 किलोमीटर होगी और इसके निर्माण पर 36 हजार करोड़ की लागत आएगी। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने बुंदेलखंड व गोरखपुर एक्सप्रेस वे पर भी मुहर लगा दी। बैठक के बाद प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में होने वाली यह बैठक ऐतिहासिक है। राजधानी के बाहर कैबिनेट की यह पहली बैठक है, जिसमें प्रयागराज को ध्यान में रखकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उन्होंने बताया कि प्रयागराज से पश्चिम के जिलों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस वे के लिए कैबिनेट में सैद्धांतिक सहमति बन गई है। आगे की प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।  उन्होंने बताया कि मेरठ, अमरोहा, बुलंदशहर, बदांयू, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक बनने वाला यह एक्सप्रेस चार लेन का होगा, जिसका छह लेन तक विस्ता