प्रयागराज में बना विश्व रिकॉर्ड: एक बस हुई खराब तो छह में था दस मीटर से ज्यादा का गैप
गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के लिए रोडवेज ने 500 की बजाय गुरुवार को कुल 510 बसों की परेड करवाई। शायद रोडवेज अफसरों को इस बात का पहले से एहसास था कि अगर चार पांच बसें तकनीकी खराबी से अगर बीच रास्ते में खराब हो जाए या किसी अन्य कारण से उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया जाए, तब भी 500 से ज्यादा बसों की परेड कराने का कीर्तिमान उनके खाते में जुड़ जाए। ऐसा हुआ भी। सुबह आठ बजे जब बसों की परेड शुरू हुई तो तकनीकी खामी से एक बस बीच रास्तें में रुक गई। जबकि छह अन्य बसों के बीच का गैप दस मीटर से ज्यादा हो गया।
दरअसल, वर्ल्ड रिकार्ड के लिए सभी बसों के बीच की दूरी दस मीटर ही होनी चाहिए थी। इसकी मानीटरिंग खुद गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की 60 सदस्यीय टीम कर रही थी। इसी टीम ने जांच के दौरान पाया कि छह बसें परेड में ऐसी रहीं, जिनके बीच का अंतर दस मीटर से ज्यादा का था। इसके अलावा एक बस तकनीकी खराबी के चलते रास्ते में रुक गई। पूरा काफिला निकल जाने के बाद चालक, सहचालक एवं परिचालक निराश होकर होकर अगले आदेश का इंतजार करने लगे। क्रम संख्या 379 की बस लखरांवा गांव के सामने खड़ी थी। तकरीबन दो किलोमीटर चलने के बाद वह बनकअ गांव के सामने खराब हो गई। चालक राकेश तिवारी ने बताया कि बस में कई दिन पहले से ही खराबी थी। इसे एक दिन पहले ठीक कराया गया। क्षेत्रीय प्रबंधक डा. हरिशचंद्र ने बताया कि सभी बसों में दो ड्राइवर एवं एक कंडक्टर तैनात किए गए थे। इस तरह से कुल 1530 कर्मचारी इस रिकार्ड में शामिल हुए।
काफिले का पूरा साथ नही दे सकी एक बस
गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के लिए लाइन में लगी एक बस तकनीकि खराबी के कारण रास्ते में रूक गयी। पूरा काफिला निकल जाने के बाद चालक, सहचालक एवं परिचालक निराश होकर अगले आदेश का इंतजार कर रहे थे। क्रम संख्या 379 पर लखरांवा गांव के सामने खड़ी बस लगभग दो किलोमीटर चलने के बाद स्टार्टिंग प्वाइंट से एक किलोमीटर पहले खराब हो गयी। चालक राकेश तिवारी ने बताया कि बस में कई दिन पहले से ही तकनीकि खराबी थी। जिसे एक दिन पहले टाटा कम्पनी द्वारा ठीक कराया गया। मरम्मत के बाद भी बस पूरा साथ नही दे सकी और रास्ते में धोखा दे दिया। बस पर सवार तीनों कर्मचारी खराब बस लेकर बिना भोजन, पानी के निर्जन स्थल पर खड़े होकर अगले आदेश की प्रतिक्षा कर रहे थे।
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