लोकसभा चुनाव 2019: आयोग ने कहा- पहले चरण के मतदान में दिखा 2014 का ट्रेंड
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार को 20 राज्यों की 91 सीटों के लिए 66 फीसदी मतदान हुए। कई जगहों पर मतदाताओं की लंबी लाइनें देखने को मिलीं। 2014 में इन्हीं 91 सीटों पर लगभग 72 प्रतिशत मतदान हुआ था। चुनाव आयोग का कहना है कि मतदान प्रतिशत लगभग 2014 के लोकसभा चुनाव के बराबर रहा। शुरुआती तौर पर 2014 की तुलना में मतदान प्रतिशत में गिरावट दिखती है क्योंकि आयोग कई राज्यों के 5 बजे तक का ही मतदाता प्रतिशत दे पाया है।त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 81.8 और 80 फीसदी मतदान हुए। आंध्र प्रदेश में आधी रात तक मतदान हुआ। जम्मू और कश्मीर में भी रिकॉर्ड मतदान हुआ। जम्मू में जहां 72 प्रतिशत मतदान हुआ वहीं आतंक प्रभावित जिले बारामूला में 35 फीसदी मतदान हुआ। 2014 में यहां 38.5 प्रतिशत मतदान हुआ था। 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 11 अप्रैल को मतदान हो चुका है। वहीं आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के लिए विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। जबकि ओडिशा में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान हुआ है।
यह पहला लोकसभा चुनाव था जहां 100 प्रतिशत वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया था। आयोग का कहना है कि 0.7 फीसदी ईवीएम बैलेट यूनिट, 0.6 फीसदी ईवीएम कंट्रोल यूनिट और 1.7 वीवीपैट को बदला गया था। 2014 के मुकाबले इस बार दोगुनी रकम यानी 607 करोड़ रुपये को जब्त की गई। 2014 में चार फीसदी मतदान बढ़ा था तब इन 10 राज्यों की 56 सीटों में से भाजपा को नौ सीटों का फायदा हुआ था जबकि कांग्रेस को 37 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा था।
2014 में चार फीसदी मतदान बढ़ने से भाजपा उन सीटों पर भी जीत हासिल कर पाई थी जहां उसका अबतक कोई सांसद नहीं था। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान छिटपुट हिंसा की घटनाएं घटीं।छत्तीसगढ़ में हिंसा के कुछ मामले आए। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में भी पोलिंग पार्टी पर नक्सलियों ने हमला किया। हालांकि राहत की बात यह रही कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। चुनाव के दौरान ईवीएम खराब होने के 15 मामले सामने आए। जिसमें छह आंध्र प्रदेश, पांच अरुणाचल, दो मणिपुर और एक-एक बिहार और पश्चिम बंगाल के थे।
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